जमीं...क्यूँ हो रंगे लाल जब दोनों में बहता एक ही रंग। जमीं...क्यूँ हो रंगे लाल जब दोनों में बहता एक ही रंग।
कहे भाऊ कविराय, भरी हो सबकी झोली। खुशियों से भरी हो, पर्व रंगों का होली।। कहे भाऊ कविराय, भरी हो सबकी झोली। खुशियों से भरी हो, पर्व रंगों का होली।।
मैं आई होली के बहाने तू मुझको रंग लगा ले, दबे हुऐ अरमानों को तू अपने आज जगा ले। मैं आई होली के बहाने तू मुझको रंग लगा ले, दबे हुऐ अरमानों को तू अपने आज...
हर अंग हाथ लगाया तूने होली का करके बहाना, तू कितना चालू निकला मैंने देर से अब ये जान हर अंग हाथ लगाया तूने होली का करके बहाना, तू कितना चालू निकला मैंने देर...
राम ने रहीम को चुना , रमज़ान ने भी राम का नाम लिया l इंसानियत ने इंसान को प्यार का पै राम ने रहीम को चुना , रमज़ान ने भी राम का नाम लिया l इंसानियत ने इंसान को ...
पल पल सिमटती क्यूँ होली की रीत है होली की वेदना में आज होली के गीत है पल पल सिमटती क्यूँ होली की रीत है होली की वेदना में आज होली के गीत है